जबलपुर की, जबलपुर की,
जबलपुर की शान निराली है,
रेवा मैया यहाँ पर विराजी हैं
जबलपुर की शान निराली है,
रेवा मैया यहाँ पर विराजी हैं,
माई नर्मदा नाम तुम्हारो,
ना जानें कितनों को तारों,
माई नर्मदा नाम तुम्हारो,
नाम तुम्हारो मैया, नाम तुम्हारो,
तोरी महिमा,
तोरी महिमा,
तोरी महिमा, किसी ने न जानी है,
रेवा मैया यहाँ पर विराजी हैं,
जबलपुर की शान निराली है,
रेवा मैया यहाँ पर विराजी हैं,
हां झोली पसारे तोरे दर पे आवे,
शीश झुका के सब तुमको मनावे,
झोली पसारे तोरे दर पे आवे,
शीश झुका के सब तुमको मनावे,
मैया झोली,
मैया झोली,
मैया झोली भरी सबकी खाली है
रेवा मैया यहाँ पर विराजी हैं,
जबलपुर की शान निराली है,
रेवा मैया यहाँ पर विराजी हैं,
ग्वारीघाट में मेला भरो है,
द्वारे पे मां के खुवाई सजो है,
ग्वारीघाट में मेला भरो है,
मेला भरो है मैया, मेला भरो है,
तोरी आरती की,
तोरी आरती की,
तोरी आरती की थाल सजाई है,
रेवा मैया यहाँ पर विराजी हैं,
जबलपुर की शान निराली है,
रेवा मैया यहाँ पर विराजी हैं,
अमीर गरीब तेरे द्वारे पे आवे,
हा डुपकी लगा के अपने कष्ट मिटावे,
अमीर गरीब तेरे द्वारे पे आवे
द्वारे पे आवे मैया, द्वारे पे आवे,
सबके कष्टों को,
सबके कष्टों को,
सबके कष्टों को हरने वाली है
रेवा मैया यहाँ पर विराजी हैं,
जबलपुर की शान निराली है,
रेवा मैया यहाँ पर विराजी हैं,
जबलपुर की शान निराली है,
रेवा मैया यहाँ पर विराजी हैं
रेवा मैया यहाँ पर विराजी हैं लिरिक्स
जबलपुर की शान निराली है भजन विवरण
भजन - जबलपुर की शान निराली है
गायक - सत्यार्थ वर्मा
लेखक - करन विश्वकर्मा
संगीत - आकाश भारती (नाना) नवीन दहिया
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