रामा रामा रटते रटते,
बीती रे उमरिया ।
रामा रामा रटते रटते,
बीती रे उमरिया ।
रघुकुल नंदन कब आओगे,
भिलनी की डगरिया ॥
॥ रामा रामा रटते रटते..॥
मैं शबरी भिलनी की जाई,
भजन भाव ना जानु रे ।
नाथ तुम्हारे दर्शन के हित,
वन में जीवन पा लू रे,
चरण कमल से निर्मल कर दो,
चरण कमल से निर्मल कर दो,
दास की झोपड़िया।।
॥ रामा रामा रटते रटते..॥
रोज़ सवेरे वन में जा कर,
रस्ता साफ कर आती हूँ।
अपने प्रभु के खातिर वन से,
चुन चुन के फल में लाती हूँ।
मीठे मीठे बैरन से भर,
मीठे मीठे बैरन से भर,
लाई मैं छबरिया ।।
॥ रामा रामा रटते रटते..॥
सुन्दर श्याम सलोनी सूरत,
नैनन बीच बसाऊंगी ।
पद पंकज की रज धरी मस्तक,
चरणों में शीश नवाऊंगी,
प्रभु जी मुझको भूल गए क्या,
प्रभु जी मुझको भूल गए क्या,
दास की खबरिया।।
॥ रामा रामा रटते रटते..॥
नाथ तुम्हारे दर्शन के हित,
मैं अबला एक नारी हूँ।
दर्शन बिन दौ नैना तरसे,
दिल की बड़ी दुखियारी हूँ।
मुझको दर्शन दे दो दया में,
मुझको दर्शन दे दो दया में,
डालू मैहर नज़रिया ।।
॥ रामा रामा रटते रटते..॥
रामा रामा रटते रटते,
बीती रे उमरिया ।
रामा रामा रटते रटते,
बीती रे उमरिया ।
रघुकुल नंदन कब आओगे,
भिलनी की डगरिया ॥
॥ रामा रामा रटते रटते..॥
रामा रामा रटते रटते लिरिक्स
श्री राम का भजन: रामा रामा रटते रटते बीती रे उमरिया
गायक - मैथिली ठाकुर
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