कबीर साहेब की आरती - Kabir Saheb KI Aarti

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जय जय सत्य कबीर आरती लिरिक्स

जय जय सत्य कबीर सत्य नाम सत् सुकृत, सतरत हतकामी, विगत कलेश सतधामी त्रिभुवन पति स्वामी। टेक।

जयति जयति कब्बीरं, नाशक भावपीरं,
धारयो मनुज शरीरं, शिशु वर सरतीरं ।।
जय जय सत्य कबीर ।।

कमल पत्र पर शोभित शोभाजित कैसे,
नीलांचल पर राजित मुक्तामणि जैसे।।
जय जय सत्य कबीर ।।

परम मनोहर रूपम, प्रभुदित सुख राशि,
अति अभिनव अविनाशी काशीपुरवासी ।।
जय जय सत्य कबीर ।।

हंस उबारन कारण, प्रगटे तनधारी,
पारख रूप बिहारी अविचल अविकारी ।।
जय जय सत्य कबीर ।।

साहेब कबीर की आरती अगणित अघहारी,
धर्मदास बलिहारी, मुद मंगलकारी ।।
जय जय सत्य कबीर ।।

साहेब कबीर की आरती, जो कोई गावे।
भक्ति (मुक्ति) पदारथ पावे, भव में नहीं आवे ।।
जय जय सत्य कबीर ।।

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