गुरु रविदास जी की आरती

संत रविदास जी की आरती भक्ति और श्रद्धा को जागृत करती है। माना जाता है कि जो व्यक्ति सच्चे मन से संत रविदास जी की आरती करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इसके साथ ही, इस आरती का गान करने से मन पवित्र हो जाता है और जीवन की सभी समस्याओं से छुटकारा मिलता है। आईए पढ़ें आरती श्री रविदास जी की ।।

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संत रविदास जी की आरती

जय गुरु रविदास जगत गुरु,
जय गुरु रविदास जगत गुरु ।
सब के प्राणपति सदा के सुखदाता,
सब के पालनहार जगदगुरु ।।

धरती अम्बर सुर असुर मुनि,
सब बोलते जय जय गुरुदेव ।
शारदा माता संकट हरनी,
भव विधाता सदा सुखदाता ।।

जीवन बीते दिन दो घड़ी,
करम करे जैसे कोई मूरख ।
दिव्य ज्योति मे ज्ञान पाये,
करे जैसे जागत महान ।।

भव बंधन से मुक्त हो,
दुःख शोक सब नाश हो ।
श्री गुरु रविदास की आरती,
जो कोई नर गावै ।।

जो श्रद्धा से जपे मन में,
सब कष्ट निवार देता ।
भव ताप नाश महान,
सदा सुख की धन देता ।।

जय गुरु रविदास जगत गुरु,
जय गुरु रविदास जगत गुरु ।
सब के प्राणपति सदा के सुखदाता,
सब के पालनहार जगदगुरु ।।

आरती श्री रविदास जी की

नामु तेरो आरती भजनु मुरारे,
हरि के नाम बिनु झूठे सगल पसारे ।

नाम तेरा आसनो नाम तेरा उरसा,
नामु तेरा केसरो ले छिटकारो ।

नाम तेरा अंभुला नाम तेरा चंदनोघसि,
जपे नाम ले तुझहि कउ चारे ।

नाम तेरा दीवा नाम तेरो बाती,
नाम तेरो तेल ले माहि पसारे ।

नाम तेरे की ज्योति जगाई,
भइलो उजिआरो भवन सगलारे ।

नाम तेरो तागा नाम फूल माला,
भार अठारह सगल जूठारे ।

तेरो कियो तुझ ही किया अरपउ,
नाम तेरो तुही चंवर ढोलारे ।

दस अठा अठसठे चारे खानी,
इहै वरतणि है सगल संसारे ।

कहै 'रविदास' नाम तेरो आरती,
सतिनाम है हरिभोग तुम्हारे।

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