नर्मदा जी की आरती लिरिक्स - Narmada Ji Ki Aarti Lyrics

आरती श्री नर्मदा जी की - Narmada Aarti Lyrics

ॐ जय जगदानन्दी, मैया जय आनंद कन्दी।
ब्रह्मा हरिहर शंकर रेवा शिव हरि शंकर रूद्री पालन्ती ॥ ॐ जय"

देवी नारद शारद तुम वरदायक, अभिनव पदचण्डी।
सुर नर मुनि जन सेवत, सुर नर मुनि शारद पदवन्ती ॥ ॐ जय" 

देवी धूमक वाहन राजत वीणा वादयन्ती ।
झूमकत झूमकत झूमकत झननन झननन रमती राजन्ती ॥ ॐ जय"

देवी बाजत ताल मृदंगा सुरमण्डल रमती।
तोड़ीतान तोड़ीतान तोड़ीतान तुरड़ड़ तुरड़ड़ तुरड़ड़ रमती सुरवन्ती ॥ ॐ जय"

देवी सकल भुवन पर आप विराजत निशदिन आनन्दी।
गावत गंगा शंकर, सेवत रेवा शंकर तुम भव मेटन्ती ॥ ॐ जय" 

मैया जी को कंचन थाल विराजत अगर कपूर बाती।
अमरकंठ में विराजत, घाटन घाट कोटी रतन जोती ॥ ॐ जय"

मैया जी की आरती निशदिन पढ़ि गावें, हो रेवा जुग जुग नर गावें।
भजत शिवानंद स्वामी जपत हरि मन वांछित फल पावें ॥ ॐ जय"

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