आंवला नवमी के दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा का विशेष महत्व है, क्योंकि आंवला भगवान विष्णु का प्रिय फल है। इस दिन पूजा के दौरान भगवान विष्णु की आरती करना बेहद शुभ माना जाता है। विष्णु जी की आरती से घर में सुख-समृद्धि और शांति का वास होता है। आंवला नवमी की पूजा में विष्णु जी की आरती को अवश्य गाना चाहिए । आइए पढ़ते हैं भगवान श्री विष्णु जी की लिखित आरती हिंदी में।
आरती श्री विष्णु जी की - Aarti Shri Vishnu Ji Ki - Amla Navami Aarti Lyrics
ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे ।
भक्त जनन के संकट, क्षण में दूर करे ॥
ॐ जय जगदीश हरे...
जो ध्यावे, फल पावे, दुःख विनसे मन का।
सुख-सम्पत्ति घर आवे, कष्ट मिटे तन का ॥
ॐ जय जगदीश हरे...
माता-पिता तुम मेरे, शरण गहूं किसकी।
तुम बिन और न दूजा, आस करूं जिसकी ॥
ॐ जय जगदीश हरे...
तुम पूरण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी।
पारब्रह्म परमेश्वर, तुम सबके स्वामी ॥
ॐ जय जगदीश हरे...
तुम करुणा के सागर, तुम पालनकर्ता।
मैं मूरख खल-कामी, कृपा करो भर्ता ॥
ॐ जय जगदीश हरे...
तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति।
किस विधि मिलूं दयामय, तुमसे मैं कुमति ॥
ॐ जय जगदीश हरे...
दीनबन्धु दुःखहर्ता, तुम रक्षक मेरे।
करुणा हस्त बढ़ाओ, द्वार पड़ा मैं तेरे ॥
ॐ जय जगदीश हरे...
विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा।
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ, सन्तन की सेवा ॥
ॐ जय जगदीश हरे...
ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे ।
भक्त जनन के संकट, क्षण में दूर करे ॥
ॐ जय जगदीश हरे...
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें