लाल कंगना लाल चुनरिया
चोला काला है
श्रृंगार वाली महाकाली का रूप निराला है
लाल कंगना लाल चुनरिया
चोला काला है
श्रृंगार वाली महाकाली का रूप निराला है
जय काली खप्पर वाली
जय काली खप्पर वाली
जय काली खप्पर वाली
जय काली खप्पर वाली
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पांव में लागो लाल महावर
और बिछिया बज नारी
और मंडों की गर्दन पहने, पहने साड़ी काली
गले में पहरे हरवा जैसे मुकुट विशाला है
श्रृंगार वाली महाकाली का रूप निराला है
मैया को श्रृंगार चढ़ाने लंबी भीड़ है भारी
मनोकामना पूर्ण करती मेरी मैया काली
जबलपुर की शान मैया
जबलपुर में मैया का दरबार ये आला है
श्रृंगार वाली महाकाली का रूप निराला है
मांग लो वरदान माई से यहीं है देने वाली
सबकी ये भंडारे भर्ती कोई न जाय खाली
मन्नू के भण्डार भरो ये भी तेरा लाला है
श्रृंगार वाली महाकाली का रूप निराला है
लाल कंगना लाल चुनरिया
चोला काला है
श्रृंगार वाली महाकाली का रूप निराला है
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